अरुण भारती का पहला चुनाव अभियान
बिहार में जमुई एनडीए की मजबूत मानी जाने वाली सीट है, जहां दो बार से लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) कब्जा रहा है. वहां से इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान 2014 और 2019 का संसदीय चुनाव भारी मतों से जीत चुके हैं. इस दौरान संसदीय क्षेत्र में विकास के जो कामकाज हुए हैं उसका श्रेय चिराग पासवान की कार्यशैली और कर्मठता को जाता है.
इस बार वहां के नवोदित उम्मीदवार अरुण भारती हैं. वह चिराग पासवान के बहनोई होने के साथ—साथ 'चिराग के प्रतिनिधि' और 'पासवान की विरासत' के नजरिये से विशेष पहचान रखते हुए 'मोदी फैक्टर' की लहर पर सवार हैं.
चिराग पासवान ने उन्हें 'विजयी भव:' कहकर जमुई से बहनोई को उतारा है. एमबीए की पढ़ाई करने वाले 48 वर्षीय अरुण भारती 2020 में अपने ससुर, एलजेपी संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री, राम विलास पासवान के निधन के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. इसके बाद उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक जनसंपर्क के दौरान अपने बहनोई और जमुई के मौजूदा सांसद चिराग पासवान के साथ जाना शुरू कर दिया था. पहले चरण के लोकसभा चुनाव के तहत जमुई के लिए 19 अप्रैल को मतदान होने हैं.
अरुण भारती के चुनाव अभियान को उस समय बल मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 अप्रैल को जमुई से बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के अभियान की आधिकारिक शुरुआत की. बिहार की 40 सीटों के लिए एनडीए के समझौते के तहत, एलजेपी (रामविलास) को पांच सीटें मिली हैं.
इस के अगले दिन 5 अप्रैल से ही भारती ने शेखपुरा में प्रचार शुरू कर दिया, जो जमुई के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, अन्य पांच जमुई, सिकंदरा, झाझा, चकाई और तारापुर हैं.
अपने प्रचार अभियान में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चिराग पासवान ने जमुई नहीं छोड़ा है. वह रोजाना जमुई की रिपोर्ट ले रहे हैं.
प्रचार अभियान के दरम्यान वह जैसे ही चेवाड़ा चौक पर अपनी कार से बाहर आए, उनकी पार्टी के जिला अध्यक्ष इमाम ग़ज़ाली, भाजपा के शेखपुरा जिला महासचिव संजय सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राज्य महासचिव राहुल कुमार ने उनका स्वागत किया और उन्हें कई स्थानीय लोगों से मिलवाया.
भारती ने विनम्रतापूर्वक उन्हें बताया कि वह "चिराग के प्रतिनिधि" हैं. वह उनकी गेंदे के फूल की माला स्वीकार करते हैं और फिर तालियों के बीच बीआर अंबेडकर की प्रतिमा को माल्यापर्ण करने के लिए आगे बढ़ जाते हैं. इस बीच जब कुछ युवा मतदाता उनके साथ सेल्फी लेने का अनुरोध करते हैं और तुरंत तैयार हो जाते हैं.
दोपहर के 12 बजे हैं और पारा पहले ही तेजी से चढ़ चुका है. भारती रोड शो के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति मिलते ही बेलदारी मुहल्ला स्थित एक घर पर जाते हैं. वहां उनके करीब 50—60 लोगों के अलावा कई मीडियाकर्मी पहले से ही इंतजार में थे.
मीडिया से वह कहते हैं—'चिराग पासवान ने मुझसे कहा था कि मुझे उम्मीदवार चयन की उचित प्रक्रिया से गुजरना होगा. लोगों की यह धारणा हो सकती है कि दिवंगत राम विलास पासवान का दामाद होने के कारण मुझे पैराशूट से जमुई लाया गया है, लेकिन यह सच नहीं है. मेरा नाम जिले से चला गया है. जहां तक परिवारवाद (भाई-भतीजावाद) के लोगों के आरोपों का सवाल है, मैं पीएम मोदी के स्टेटमेंट के साथ हूं, जिन्होंने कहा है कि अगर किसी राजनेता के परिवार का कोई सदस्य अपनी क्षमता और कड़ी मेहनत के कारण राजनीति में नाम कमाता है, तो यह वंशवाद को बढ़ावा नहीं है. उन्होंने कहा कि वह राजनीति में खरा साबित होने के लिए आए हैं. राजनीति में उतरने का फैसला करने के बाद ही वह पिछले साल पटना में अपना व्यवसाय बंद कर चुके हैं.
कुछ मतदाताओं की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर कि चिराग ने निर्वाचन क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं किया है, भारती कहते हैं: जमुई वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित एक कठिन क्षेत्र रहा है. यह अब उससे मुक्त है और इसमें तेजी से बुनियादी ढांचागत विकास हो रहा है. मैं शेखपुरा, तारापुर, सिकंदरा और चकाई में विकास करने के लिए चिराग के प्रतिनिधि के रूप में एक और कार्यकाल की मांग कर रहा हूं.
उन्होंने राम विलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए इस बार अपने पिता की पारंपरिक सीट हाजीपुर में स्थानांतरित होने के चिराग के फैसले की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि चिराग ने जमुई नहीं छोड़ा है. वे रोजाना जमुई की रिपोर्ट ले रहे हैं.
इस क्रम में भारती ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ''उन्होंने अपनी दो बेटियों और दो बेटों को राजनीति में पेश किया है और वे इसे समाजवाद कहते हैं!''
वैसे भारती की मां डॉ. ज्योति दो-दो बार कांग्रेस की विधायक और एमएलसी रह चुकी हैं. इसपर वह कहते हैं, “हालांकि मुझे राजनीतिक प्रशिक्षण मेरी मां से मिला, जो सहार (भोजपुर) का प्रतिनिधित्व करती थीं, लेकिन मैं कभी भी राजनीति में शामिल होने के लिए उत्सुक नहीं था और एक उद्यमी बनकर खुश था. लेकिन मैं राम विलास पासवान के व्यापक विश्वदृष्टिकोण से बहुत प्रभावित हुआ. अब जब मैं चुनावी राजनीति में प्रवेश कर चुका हूं, तो मैं समझता हूं कि राजनेता किन कठिनाइयों से गुजरते हैं. मैं लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहा हूं. रोहिणी आचार्य (लालू की छोटी बेटी), जो सिंगापुर में रह चुकी हैं, क्या राजद उम्मीदवार के रूप में सारण के लोगों के साथ कैसे न्याय कर सकती हैं?''
भारती का यह भी कहना है कि नरेंद्र मोदी फैक्टर इस चुनाव का प्रमुख विषय रहा है. हम पीएम मोदी के नारे की दिशा में काम कर रहे हैं. लक्ष्य 400 सीटों का लक्ष्य हासिल करने का है. हम पिछले 10 वर्षों में उनके नेतृत्व में हुए तीव्र विकास की बात कर रहे हैं. जहां तक विपक्ष की बात है तो यह किसी भी विचार या आख्यान से रहित है. मुझे अपने जमुई प्रतिद्वंद्वी के बारे में भी बहुत कुछ नहीं कहना है, क्योंकि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने और अपने दावे और वादे करने का अधिकार है.
इसी बताचीत के बीच जैसे ही भारती को उनके रोड शो के लिए स्थानीय प्रशासन की हरी झंडी के बारे में सूचित किया गया, वह सड़कों पर चलने का फैसला करते हुए कार्यक्रम के लिए तैयार हो गए. उन्होंने चेवाड़ा बाजार के दुकानदारों का अभिनंदन किया. कुछ ने उन्हें माला पहनाई तो कुछ ने जवाब में मुस्कुरा दिया. भारती इलाके में एक भगवान शिव मंदिर पहुंचते है, जहां लगभग 50 महिलाएं एकत्रित थीं. जब वह उनका समर्थन मांगते हैं, तो एक बुजुर्ग महिला कहती है: “शिव भक्त बन जाओ, वोट दे देंगे!”
दोपहर 1.30 बजे करीब भारती के सिरारी पंचायत क्षेत्र के लिए रवाना होने का समय हो गया था, जहां भाजपा नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य रणजीत सिंह उनके लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी कर रहे थे. जैसे ही वह बाजार में पहुंचते हैं वहां मोदी की जय-जयकार के नारे लगने लगता है. कुछ तस्वीरें और सेल्फी के बाद खाना परोसा जाता है.
पचना पंचायत क्षेत्र उनका अगला ठिकाना है. वहां स्थानीय एनडीए नेता जुटे हुए हैं. भारती ने जमुई के सर्वांगीण विकास की वकालत करते हुए एक संक्षिप्त भाषण दिया और लोगों को पार्टी के नए प्रतीक हेलीकॉप्टर के बारे में याद दिलाया, जो एलजेपी में विभाजन के बाद चिराग गुट को आवंटित किया गया था.
दोपहर 3 बजे भारती गिरिहांडा चौक पर समाजवादी प्रतीक और भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद प्रचार के लिए शहर में निकले. वह संकरी गलियों से होकर गुजरते हुए दुकानदारों और आम लोगों के बीच पहुंच जाते हैं, जो किराने का सामान खरीदने के लिए गांवों से आए हैं.
शाम 5 बजे तक भारती अपना दिन का अभियान पूरा कर लेते हैं. इस चुनाव में उनका मुकाबला राजद की अर्चना रविदास से है.एससी (अनुसूचित जाति)-आरक्षित जमुई सीट से चिराग दो बार सांसद रह चुके हैं. 2019 के चुनावों में, उन्होंने आरएलएसपी के भूदेव चौधरी को 2.4 लाख से अधिक वोटों से हराया था.
जमूई की एससी आबादी में एक लाख पासवान, 50,000 मांझी और 80,000 रविदास समुदाय के लोग शामिल हैं. ओबीसी में 2.5 लाख यादव, 2 लाख वैश्य और 2.5 लाख कोइरी-कुर्मिस-धनुक हैं. निर्वाचन क्षेत्र की उच्च जाति की आबादी में दो लाख राजपूत, एक लाख भूमिहार, 50,000 ब्राह्मण और 30,000 कायस्थ शामिल हैं। इसमें करीब डेढ़ लाख मुस्लिम भी हैं. प्रस्तुति: शंभु सुमन,न्याय चक्र