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दक्षिण भारत की साहित्य संस्कृति केंद्रित पत्रिका के इस अंक में पढ़ें...आलेख: भारतियार का नारी संबंधी चिंतन...सुब्रह्मण्यम भारती के नारी—मुक्ति संबंधी विचार, भारतीय स्त्री और सुब्रह्मण्यम भारती की देशभक्ति, अष्टछाप तथा ताल्लपाक के कवियों के भक्ति साहित्य साधना स्थल, फिल्मी दुनिया के यायावर...आजादी का अमृतकाल—राष्ट्रभाषा में बदलती हिंदी,स्वतंत्रता संग्राम में दक्षिण भारतीय सेनानी, कन्नड़ शब्दकोश की परंपरा, तेलुगू भाषा अविर्भाव, विकास और संस्कृति,हिंदी—मलयालम कहानियों का तुलनात्मक अध्ययन, कना—खेल और खेती की जीवंत गाथा,दक्षिण भारतीय भक्ति आंदोलन का उत्तर भारत में प्रभाव, दक्षिण भारतीय छापाकला का इतिहास एवं कलाकारों की भूमिका...