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भारत की पहली पठनीय व श्रवणीय मासिक ई—पत्रिका के वर्षिक अंक में दर्जनों साहित्यकारों की रचनाओं का गुलदस्ता लेकर आया है. गिरिजाकुमार माथुर, गोपालदास नीरज, बालकवि वैरागी. भावानी प्रसाद मिश्र, गोपाल प्रसाद व्याम, जगदीश चंद्र पंड्या''अक्स'', दुष्यंत कुमार, देवल आशीष और शरद जोशी इस अंक के धरोहर साहित्यकारों पढ़ना एक विशिष्ट उपलब्धि होगी, जबकि डा. विष्णु सक्सेसाना, डा. कीर्ति काले, गोविन्द मूंदड़ा, रामेश्वर काम्बोज''हिमांशु'', रागिनी चतुर्वेदी, चिराग जैन, डा. कविता भट्ट और आदित्य शुक्ल के गीतों को गुनगुनाना अच्छा लगेगा. ———इससे अलग यात्रा संस्मरण, अध्यात्म और गजलों की दुनिया में डुबकी लगाने के लिए मन जरूर विचलित हो जाएगा... कविताएं, लघुकथाएं और व्यंग्य की रचानाओं को तो नजरंदाज कर ही नहीं सकते हैं... तो फिर आज ही खरीदकर पढ़ने की आदत डालें साहित्यकारों आपकी जरूरत है...!!!