
लगातार बढ़ती जा रही एआई मॉडल की संख्या
अधिक समय नहीं हुआ है जब किसी भी जानकारी या सवाल के लिए सर्च इंजन गूगल और वेबसाइट विकीपिडिया ही सर्वाधिक उपयोग में था. किंतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आते ही इसके कई मॉडल्स का इस्तेमाल तेजी होने लगा है. इनसे सवाल पूछने, शोध या अनुवाद करने, नया कंटेट लिखने आदि से लेकर डिजाइन और तस्वीरें बनाने की जरूरतें पूरी होने लगी हैं.
एआई अब भविष्य की नहीं, बल्कि वर्तमान की जरूरतों में शामिल हो चुका है. यह सामान्य जीवन में काम करने के तरीके और सृजन की हर आवश्यक जरूरतों को तेजी से बदल रहा है. इंसानी कामकाज के हर कोने में एआई की दखलंदाजी बढ़ी है. जिनमें व्यक्ति की सरल गतिविधियों में मदद मिलना, कंपनियों के संचालन को आटोमेशन के साथ नए रूप में मशीनों को ज्यादा सक्षम और सटीक बनाना मुख्य है, तो बड़े से बड़े आंकड़े का तुरंत विश्लेषण करना और भाषा के अंतर को मिटाकर रचनात्मकता को बढ़ाना इसकी विशेष खूबियां है.
एआई मॉडल्स में चैटजीपीटी, जैमिनी, डीपसीक, मेटा, ग्रोक आदि की वेबसाइटें और एप्लिकेशन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनकर उद्योगों को बदलने, उत्पादकता बढ़ाने और रचनात्मकता को बढ़ावा देने लगी हैं. जबकि मशीन लर्निंग, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और कंप्यूटिंग को आसान बनाने में काफी हद तक मददगार बन चुके हैं, जो उनकी अलग—अलग क्षमता पर निर्भर है.
चैटजीपीटी: ओपनएआई कंपनी द्वारा विकसित चैटजीपीटी एक अद्भुत एप्लिकेशन है, जिसे सबसे शक्तिशाली एआई चैटबॉट में से एक माना जाता है. इसके कई संस्करण आ चुके हैं, जिन्हें चार भागों, जिन्हें आधिकारिक यानी आॅफिशियल, विशेष उपयोग वाले, इंटीग्रेटेड और अन्य भाषा माडल्स में बांटा जा सकता है. इसके शुरूआती आॅफिशियल वर्जन के भी चार संस्करण, चैटजीपीट3, चैटजीपीटी3.5, चैटजीपीटी4 और चैटजीपीटी टर्बो आ चुके हैं.
पहला बड़ा वर्जन ही तेज और अधिक सटीकता से जवाब देने वाला था, जबकि इसके बाद के वर्जन तर्क और भाषा को बेहतर ढंग से समझते हुए और भी अच्छा काम करते हैं. ऐसे ही विशेष उपयोग का वर्जन मॉडल डेटा विश्लेषण, गणना और कोडिंग में मदद करता है. इनके डाल.ई (DALL·E) तस्वीरें बनाने के लिए उपयोगी है, जबकि व्हिस्पर ऑडियो को टेक्स्ट में बदला जा सकता है. चैटजीपीटी इंटीग्रेटेड वर्जन माइक्रोसॉफ्ट के वर्ड और एक्सेल में काम आता है. इनके एपीआई आधारित मॉडल साफ्टवेयर डेवलपर्स के लिए उपायोगी है, जिनकी मदद से ऐप्स और वेबसाइटों को बनाने में सहुलियत मिल जाती है.
भाषा मॉडल्स का चैटबॉट भी कई खूबियां समेटे हुए है. इसे ओपनएआई के अतिरिक्त दूसरी कंपनियां जैसे गूगल का जैमिनी (बार्ड), एंथ्रोपिक का क्लाउड (Claude) और मेटा का LLaMA1 है. चैटजीपीटी मॉडल लाखों वेबसाइटों से कंटेंट पढ़ता है, प्रश्नों का उत्तर देता है और कुछ कोडिंग कार्यों में भी सहायता करता है. इसमें इंसानी आवाज के जरिए उत्तर देने की क्षमता है. कंपनियाँ चैटजीपीटी का उपयोग ग्राहक सहायता प्रणाली के रूप में भी करती हैं, जो बेहतरीन बातचीत सुनिश्चित करने में मदद करता है.
माइक्रासॉफ्ट कोपाइलॉट: बिंग चैट के नाम का यह माडल ईमेल लिखने और दस्तावेज़ का सारांश बनाने में मदद करता है, जो कई अलग-अलग माइक्रोसॉफ्ट 365 के प्लेटफॉर्म्स (वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट, आउटलुक, टीम्स)पर उपलब्ध है. इसकी मदद से डेटा एनालिसिस और ग्राफ़ जनरेट किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल प्रोफेशनल्स अगर वर्ड, एक्सेल और ईमेल ऑटोमेशन के लिए करते हैं, तो डिजिटल मार्केटर्स रिपोर्टिंग और स्लाइड प्रेजेंटेशन जनरेशन में इस्तेमाल करते हैं. इससे डेवलपर्स को कोड लिखने और डिबग करने में मदद मिलती है. जबकि स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स इसकी मदद से रिपोर्ट्स, सारांश टेक्स्ट का विश्लेषण करते हैं. कोपाइलट के वर्जन में ही विंडो के अलावा गिटहब हैं. कोडिंग के लिए लिए गिटहब विशेष रूप से डेवलप किया गया एआई टूल है. यह Python, JavaScript, C++ और अन्य भाषाओं के लिए सपोर्ट करता है.
एआई के निरंतर विकास के साथ माइक्रोसॉफ्ट कोपाइलट में और अधिक सुविधाएँ जुड़ती जा रही हैं, जिससे यह प्रोफेशनल और सामान्य लोगों के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल सहायक बन गया है.
क्लाउड: एंथ्रोपिक कंपनी द्वारा विकसित किया गया क्लाउड (Claude) एक एडवांस एआई भाषा मॉडल है, जिसके बीते दो सालों में तीन वर्जन आ चुके हैं. यह चैटजीपीटी की तरह ही एक कन्वर्सेशनल एआई है, लेकिन इसे अधिक सुरक्षित और परस्पर प्रभाव वाला एक नैतिक एआई मॉडल माना जाता है. इसका इस्तेमाल लंबे डॉक्यूमेंट एनालिसिस के तहत 100,000 टोकन तक के बड़े टेक्स्ट प्रोसेस करने के लिए किया जा सकता है. इस कारण यह रिसर्च पेपर्स की डेटा समरी और एनालिसिस तथा लंबी ईमेल चेन और डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग के लिए बेहतरीन बन चुका है.
साथ ही यह कोडिंग और गणना में भी मदद करता है. काम करने में तेजी, सटीकता और अधिक क्रिटिकल थिंकिंग क्षमता की वजह से इसका तीसरा वर्जन क्लाउड3 को चैटजीपीटी से भी बेहतर माना जाता है.
इनके अतिरिक्त सिंथसिया, गूगलमैप, ग्रामरली, मिडजर्नी, रनवे एआई माडलों के बाद अब एआई असिस्टेंट टूल का भी इस्तेमाल होने लगा है, जिनकी संख्या दर्जनों में हैं. इनमें जैमिनी, डीपसीक और ग्रोक मुख्य हैं, जो दक्षता में विविधता लिए हुए है. चैटजीपीट की तरह ही काम करने वाला डीपीसीक दूसरे विकसित एआई मॉडल को टक्कर देता है. इसके बहुभाषी और लागत-अनुकूल होने के कारण यह तेजी से इस्तेमाल में आ चुका है.
बहरहाल, एआई का उपयोग कई क्षेत्रों में अपार संभावनाओं को समेटे हुए है, जिसमें डिजिटल रचनात्मकता और नेविगेशन तक शामिल हैं. विभिन्न तरह के कंटेंट तैयार करने के साथ—साथ यह शोधकार्य के लिए भी अहम है. चैटजीपीटी, जेमिनी, डीपसीक और ग्रोक में कई अंतर है. जैसे चैटजीपीटी एक सतर्क, व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाता है. आगे बढ़ने से पहले स्पष्टीकरण का प्रश्न पूछता है. इससे भ्रम की स्थिति नहीं बनती है और सटीक मापदंडों का पता चलता है. जबकि इसकी तुलना में जेमिनी कम स्पष्ट है.यह एक सहयोगी शोध भागीदार की तरह काम करता है.
प्रश्न के जवाब तुरंत पाना हो तो इसके लिए ग्रोक सही है, जबकि बेहतर भाषा की समझ, तकनीकी उत्तर के लिए चैटजीपीटी4 टर्बो वर्जन अच्छा माना गया है.इसी तरह से मल्टीमॉडल यानी टेक्स्ट, इमेज और ऑडियो की प्रोसेसिंग चाहने वालों की पसंद जेमिनी1.5अल्ट्रा है. जबकि कोडिंग और एशियाई भाषाओं के लिए डीपसीक बेहतर साबित हुआ है. इनके इस्तेमाल पर आनेवाले खर्च के मामले में ग्रोक और जेमिनी शोध के लिए निःशुल्क हैं, जबकि ओपनएआई उपयोगकर्ता इसके लिए 20 से 120 डालर तक का चार्ज करता है.
दुनिया में हजारों एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) मॉडल हैं। हर दिन नए मॉडल बनाए जा रहे हैं। एआई मॉडल अलग-अलग कामों के लिए बनाए जाते हैं, जैसे:
भाषा मॉडल (जैसे GPT-3, GPT-4, Claude, Gemini)
इमेज और विज़न मॉडल (जैसे Stable Diffusion, DALL-E)
रीइन्फोर्समेंट लर्निंग मॉडल (जैसे AlphaGo, AlphaZero)
मल्टीमोडल मॉडल (जो एक साथ टेक्स्ट, इमेज और आवाज समझ सकते हैं)
प्रसिद्ध एआई मॉडल्स के कुछ उदाहरण:
OpenAI के GPT मॉडल
Google के Gemini मॉडल
Meta के LLaMA मॉडल
Anthropic के Claude मॉडल
Stability AI का Stable Diffusion
इसके अलावा, कई कंपनियां और शोध संस्थान अपने खुद के छोटे-बड़े मॉडल बनाते रहते हैं — चिकित्सा, शिक्षा, वित्त, और रक्षा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के लिए।
संक्षेप में: दुनिया में हजारों एआई मॉडल मौजूद हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।