Average rating based on 2301 reviews.
भारतीय इतिहास का एक दुर्लभ दस्तावेज राहुल फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा प्रकाशित किया गया दस्तावेज में भगतसिंह द्वारा जेल में (1929—31) अध्ययन के दौरान लिए लिए गए नोट्स और उद्धरण को विश्वनाथ मिश्र ने अनुवाद किया है और उसका संपादन सत्यम वर्मा द्वारा किया गया है. ...228 पृष्ठ की इस पुस्तक में आलोक रंजन, एल वी मित्रोखिन और शिव वर्मा के सारगर्भित आलेख भी हैं. ———क्रांति परिश्रमी विचारकों और परिश्रमी कार्यकर्ताओं की पैदावार होती है। दुर्भाग्य से भारतीय क्रांति का बौद्धिक पक्ष हमेशा दुर्बल रहा है। इसलिए क्रांति की आवश्यकता चीजों और किये गए काम के प्रभाव पर ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए एक क्रांतिकारी को अध्ययन—मनन को अपनी पवित्र जिम्मेदारी बना लेना चाहिए।——भगत सिंह