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ज्योतिष ज्ञान
MRP ₹582550

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वेद का नेत्र है ज्योतिष ज्ञान ज्योतिष के प्रारंभिक ज्ञान के लिये यह पुस्तक गागर में सागर के समान है। इस पुस्तक में ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में, वैज्ञानिक व आध्यात्मिक आधार पर बताया है। स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि आज के वैज्ञानिक और कृत्रिम बौद्धिकता की ओर बढ़ते युग में ज्योतिष का क्या योगदान है? क्या ज्योतिष हमें भाग्यवादी बनाता है या कर्मयोगी? वस्तुतः जीव के पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर ही यह अमूल्य मनुष्य योनि प्राप्त होती है। कैसे पता चले कि हमने पूर्व जन्मों में कैसे-कैसे कर्म किये थे? किन-किन समस्याओं के दौर का अनुभव किया? ज्योतिष इन्हीं समस्याओं का समाधान करता है। कुन्डली का दसवां भाव आपके कर्मों का शुभाशुभ वर्णन करता है। 11वां भाव आपके कर्मों का पफल आय रुप में तथा द्वितीय भाव आपका बैंक बैलेस कितना होगा, बतलाता है। पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान व राजयोग यदि 10वें भाव से पता चलते हैं, तो शत्रा, कर्जे, बीमारी आदि का ज्ञान 6ठा भाव बताता है। नौकरी में लाभ है या अपना व्यापार में लाभ! डॉक्टर बनुं या इंजीनियर, या पिफर वकालत से लाभ होगा, यह 10वां भाव मार्ग दर्शन करता है। धर्म त्रिकोण से ...