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73 सालों से प्रकाशित हो रही इस पत्रिका में पढ़ें....डा. अम्बेडकर की प्रासंगिकता को रेखांकित करती रचना—प्रेमचंद का मानसरोवर और नया मानसरोवर.... ———उपन्यासकार मामता कालिया से संवाद...कवि शैलेन्द्र पर अरुण कमल के संस्मरण...शेक्सपीयर के गांव में....शरण संस्कृति की प्रासंगिकता...भारतीय नवजागरण और भिखारी ठाकुर...जयनंदन, भगवती प्रसाद िद्ववेदी और आरती स्मित की कहानियां....माधव कौशिक, अशोक मिजाज, पंकज चौधरी, सारिका भूषण और पंकज सिंह की कविताएं....इसके अतिरिक्त श्रद्धा उपाध्याय, प्रकाश साहू, श्रेय कारखुर, शाश्वत उपाध्याय, अभिलाष, प्रणव, देवांश एकांत और कनिष्का कुमारी की नई आवाजें....
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